अन्य संबंधों के साथ कार्यान्वयन / योजना के अधीन संचित अंतर क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 2012 तक 37,150 मेगावॉट हो जाने की आशा है।
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अन् य संबंधों के साथ कार्यान् वयन / योजना के अधीन संचित अंतर क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 2012 तक 37,150 मेगावॉट हो जाने की आशा है।
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मौजूदा अंतर-क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 17, 000 मेगावॉट है, जिसे “पारेषण सुपर राजमार्ग” के सृजन के माध्यम से वर्ष 2012 तक लगभग 37,700 मेगावॉट तक बढ़ाया जाना है।
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पहला चरण वर्ष 2002 में पूरा किया गया है जहां क्षेत्रीय ग्रिडों को मुख्यतया एचवीडीसी बैक टू बैक द्वारा जोड़ा गया है और अंतरक्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 5050 मेगावॉट स्थापित की गई है।
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मौजूदा अंतर-क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 17, 000 मेगावॉट है, जिसे '' पारेषण सुपर राजमार्ग '' के सृजन के माध् यम से वर्ष 2012 तक लगभग 37,700 मेगावॉट तक बढ़ाया जाना है।
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पहला चरण वर्ष 2002 में पूरा किया गया है जहां क्षेत्रीय ग्रिडों को मुख् यतया एचवीडीसी बैक टू बैक द्वारा जोड़ा गया है और अंतरक्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 5050 मेगावॉट स् थापित की गई है।
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1200 केवी की एक सिंगल सर्किट पारेषण लाइन 6000 से 8000 मेगावॉट तक विद्युत का पारेषण कर सकती है, अतएव यह प्रति मीटर राइट ऑफ-वे में 400 केवी और 800 केवी लाइन से ज्यादा विद्युत अंतरण क्षमता उपलब्ध कराती है।
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दूसरे चरण का क्रियान्वयन पहले ही शुरू हो चुका है और तालचर कोलार एचवीडीपी बाइपोल, रायपुर, राउरकेला 400 कि.वा. डी/सी ट्रांसमिशन प्रणाली का श्रृंखला कंपन्सेशन और गाजुवाका में द्वितीय बैक टू बैक सिस्टम के साथ शुरू होने से अंतर क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 9450 मेगावॉट बढ़ गई है।
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दूसरे चरण का क्रियान् वयन पहले ही शुरू हो चुका है और तालचर कोलार एचवीडीपी बाइपोल, रायपुर, राउरकेला 400 कि. वा. डी / सी ट्रांसमिशन प्रणाली का श्रृंखला कंपन् सेशन और गाजुवाका में द्वितीय बैक टू बैक सिस् टम के साथ शुरू होने से अंतर क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता 9450 मेगावॉट बढ़ गई है।